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नये ख्यालों की गीता के नेवल अफसर पिता की बड़ी निर्दयता से हत्या कर दी गयी।
तेजा सिंह के बेटे सुरेश और गीता का प्यार परवान चढ़ रहा था कि सुरेश के पिता की हत्या कर दी गयी।
सुरेश और गीता ने अपने अपने पिता के खून का बदला लेने की क़सम खाई।
अचानक तेजा सिंह प्रकट हुआ। खूनी खूँखार और लुटेरों का सरदार, जिसकी ट्रेन डकैती में हत्या हुई वह तेजा सिंह कौन था।
सुरेश की माँ के माँग का सिन्दूर वफ़ादार तेजासिंह था या लुटेरा खूनी तेजा सिंह था।
इस राज़ का पता कैसे चला।
गीता और सुरेश ने अपने अपने पिता के खून का बदला लिया।
खूँखार और गद्दार तेजा सिंह जैसे भेड़ की खाल में छूपे भेड़िये से देश की रक्षा कैसे हुई।
इन सारे सवालों का जवाब है फ़िल्म “ट्रेन डकैती”।
(From the official press booklet)